Wednesday, June 22, 2016

उपर का आकाश
अंदर का आकाश
उजाले
अँधेरे
दिल को घेरे
प्रकाश अच्छाई का
आच्छादित करता
संदेह के बादलों को
आत्मा की गहराइयां
उथले तन , गहरे मन
सुबह देखे
आंखें खोले
निशीथ के तिमिर
में भी बसी
है सुन्दरता .

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